Ebola Virus - JHKN- JARA HAT KE NEWS-

Breaking

Home Top Ad

Responsive Ads Here

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Monday, November 24, 2014

Ebola Virus

यह वर्तमान में एक गंभीर बीमारी का रूप धारण कर चुका है। इस बीमारी में शरीर में नसों से खून बाहर आना शुरु हो जाता है, जिससे अंदरूनी ब्लीडिंग प्रारंभ हो जाती है। यह एक अत्यंत घातक रोग है। इसमें ९०% रोगियों की मृत्यु हो जाती है। 
  
शुरुआत
इस रोग की पहचान सर्वप्रथम सन १९७६ में इबोला नदी के पास स्थित एक गाँव में की गई थी। इसी कारण इसका नाम इबोला पडा। इबोला एक ऐसा रोग है जो मरीज के संपर्क में आने से फैलता है..मरीज के पसीने,मरीज के,खून या,श्वास से बचकर रहें..इसके चपेट में आकर टाइफाइड,कॉलरा,बुखार,और मांसपेशियों में दर्द होता है..बाल झड़ने लगते है..नशों से मांशपेशियों में खून उतर आता है..इससे बचाव करने के लिए खुद को सतर्क रखना की उपाय है..इबोला का नाम कागों की एक नदी इबोला के ऊपर पड़ा है..और वायरस सबसे पहले अफ्रीका में पाया गया था..

लक्षण

इसके लक्षण हैं- उल्टी-दस्त, बुखार, सिरदर्द, ब्लीडिंग, आँखें लाल होना और गले में कफ़। अक्सर इसके लक्षण प्रकट होने में तीन सप्ताह तक का समय लग जाता है।

रोग में शरीर को क्षति

इस रोग में रोगी की त्वचा गलने लगती है। यहाँ तक कि हाथ-पैर से लेकर पूरा शरीर गल जाता है। ऐसे रोगी से दूर रह कर ही इस रोग से बचा जा सकता है।

उपचार

अभी इस बीमारी का कोई ईलाज नहीं है। इसके लिए कोई दवा नहीं बनाई जा सकी है। इसका कोई एंटी-वायरस भी नहीं है।


No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages